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भूमिगत ब्लॉक्स: सामरिक और स्थायी निर्माण के लिए एक वैकल्पिक

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भूमिगत ब्लॉक्स: सामरिक और स्थायी निर्माण के लिए एक वैकल्पिक

Nikhil
May 12, 2023
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भूमिगत ब्लॉक्स: सामरिक और स्थायी निर्माण के लिए एक वैकल्पिक

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नमस्ते दोस्तों! मैं हूँ पूजा कोठारी और आप सभी का हमारे चैनल में स्वागत करती हूँ। आप यह सोच रहे होंगे कि इतनी साधारण लग रही मिट्टी के आगे मैं क्या कर रही हूँ। इसलिए मैं आपको बताना चाहती हूँ कि इस मिट्टी को हम कंप्रेस्ड स्टेबलाइजर ब्लॉक बनाने के लिए उपयोग करते हैं। ये ब्लॉक उन ब्लॉक्स की तरह दिखते हैं जिनका आप रेत या ईंट के स्थान पर उपयोग कर सकते हैं। इस वीडियो में मैं आपको इसकी प्रक्रिया बताने जा रही हूँ, जिससे हमने इस सॉइल को इन ब्लॉक्स में बदल दिया है।

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इन ब्लॉक्स का उपयोग हम अपने घरों में करते हैं, जहां पर हमें आदर्श या स्थायी निर्माण की जरूरत होती है। ये ब्लॉक्स कंक्रीट ब्लॉक या ईंट के प्रतिस्थान के रूप में उपयोग हो सकते हैं। इन ब्लॉक्स की मिट्टी एक जगह से ली जाती है और इस मिट्टी को मिश्रण में डालकर इन ब्ल्लॉक्स को बनाते हैं। ये ब्लॉक्स एक फ्रेंडली और सस्टेनेबल कंस्ट्रक्शन के लिए उपयोग होते हैं। इन ब्लॉक्स के आपके घरों में तापमान को कम करने की गुणवत्ता होती है, जो आपके घर के अंदर बिना किसी पानी के बिना किसी पानी के इस्तेमाल किए तापमान को पांच से छह डिग्री सेल्सियस कम कर सकता है। इन ब्लॉक्स की थर्मल इंसुलेशन बहुत अच्छी होती है और इसलिए ये आपकी जमीन और कृषि को कोई क्षति नहीं पहुंचाते। इन ब्लॉक्स को तब तक मिट्टी में मिलाया जाता है जब तक आप घर बनवाने के लिए इस्तेमाल नहीं करते।

चलिए दोस्तों, इसकी प्रक्रिया के बारे में बताती हूँ। सबसे पहले, इस मिट्टी को लोडर के जरिए सॉइल पिट में डाला जाता है। फिर यह मिट्टी क्रशर मशीन में ले जाई जाती है, जहां पर यहां की मिट्टी के बड़े-छोटे पार्टिकल्स क्रश हो जाते हैं। उसके बाद, यह क्रश हुई मिट्टी को कन्वेयर बेल्ट के जरिए स्क्रीन में ले जाता है, जो केवल आपकी साइज़ की मिट्टी को फ़िल्टर करती है। जैसे तीन से छह मिलीमीटर की स्क्रीन है, तो आपको इस तरीके से साइज़ के अनुसार मिट्टी मिलेगी। छान के द्वारा जो बड़े पार्टिकल्स होंगे, वे नीचे गिर जाएंगे। इसके बाद, यह कन्वेयर बेल्ट सॉइल को स्टोरेज फिट में ले जाता है। और अगर आप देखें, तो यहां एक और स्टोरेज फिट है, जिसमें एम सेंड डाला जाता है। अभी यहां इस सॉइल और सेंड का मिक्स नीचे के कम्पार्टमेंट में जाता है और नीचे के कम्पार्टमेंट से यह कन्वेयर बेल्ट के द्वारा आपके पानी मिक्सर में चला जाता है।

अब इस पानी के साथ एम सेंड और सॉइल का मिक्स लगभग दो सेकंड के लिए मिक्स होता है। यह पूरी ड्राई मिक्स है, जो यहां आया हुआ है। और वो सीमेंट टाइमर देख रहे हैं, जो इस कन्वेयर के फाइव के जरिए वो सीमेंट स्पीन ने गिर जाता है। यहां पर भी वो दो सेकंड के लिए ड्राई मिक्स बनता है। और उसके बाद भी, जो आप शावर देख रहे हैं, उससेपानी जोड़ा जाता है और इस पानी के साथ यह बेल्ट मिक्स बन जाता है। तीनों के मिलने से यह वेट मिक्स, सही प्रपोर्शन में बनाया जाता है। जिसमें आपका एनसाइन सॉइल और सीमेंट के अनुसार डालने का ऑटोमेशन दिया जाता है। मशीन को जब यह वेट मिक्स बन जाता है, तो यह वाइब्रेटर सी कर जाता है। यहां पर क्या होता है, वो पूरा मिक्सर घूमता है और जो भी बड़े-बड़े पार्टिकल्स होंगे, वो इधर आता है। और जो फाइन पार्टिकल्स होंगे, वो इस कन्वेयर बेल्ट में चले जाते हैं।

अब आपकी कन्वेयर बेल्ट से आपका मिक्स आपकी गियर ग जैसी आप देख रहे हैं, और यह माउंट ऊपर-नीचे होकर उसको कंप्रेस करके आपको एट दे देता है जिसे आप देख सकते हैं। इसे ऐसे सेट किया जाता है और एक दिन के लिए इसे धूप में नहीं रखा जाता है। परंतु इसके बाद, यह एक लैब में भेजा जाता है कंप्रेशन टेस्ट और ड्यूरेबिलिटी टेस्ट के लिए। जहां पर इसे मशीन में प्रेशर के अंदर टेस्ट किया जाता है कि यह कितना स्ट्रांग है। जब यह टेस्ट पास कर लेता है, तब इसे ईटन की तरह एक दीवार के रूप में खड़ा किया जाता है। यह लोड बेयरिंग वाले तहत बिना किसी रीइंफोर्समेंट के खड़ी की जाती है। परंतु अगर आप इसे और स्ट्रेंजर करना चाहें, तो आप हर एक मीटर में 16 मिलीमीटर का ग्रीनफोर्समेंट डालकर इसे स्ट्रेंजर कर सकते हैं। और एक विशेष बात यह है कि इन ब्लॉक्स को प्लग-इन प्ले मेथड से डाला जा सकता है। जैसे आप देख रहे हैं, यहां पर प्रोजेक्शन्स दिख रहे होंगे, तो इन प्रोजेक्टन्स को निकालकर ऐसे बिठाई जा सकती है जिससे यह प्लग और प्ले से फिक्स हो जाएगी। इस तरीके से इसकी फाइटिंग होती है।

और अगर आपकी इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग की जरूरतें हों, तो आप इन होल्स के जरिए रंग कर सकते हैं। और यहां, जहां पर आपको उसका आउटपुट चाहिए, वहां छोटी कटिंग कर सकते हैं। इसमें एक विशेष बात यह है किय कि इसकी डिज़ाइन सही प्लानिंग की आवश्यकता होती है। इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग के पश्चात्तान कार्य नहीं किए जा सकते हैं, इसलिए किसी आर्किटेक्ट या स्ट्रक्चरल इंजीनियर की सलाह लेना अत्यावश्यक है। इस ब्लॉक के संबंध में यदि आपको कोई संदेह हो तो कृपया कमेंट बॉक्स में पूछें, हम आपका जवाब देंगे। वीडियो देखने के लिए धन्यवाद, पसंद आए तो लाइक और शेयर जरूर करें। धन्यवाद।

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